हृदयविदारक!!
— Shivendra Srivastava (@Shivendra_Media) April 15, 2021
लखनऊ का गुलाला घाट।
कल तक जिस मैदान में लोग वक्त बिताते थे।
वो लाशों की राख से पटा पड़ा है।
लाश जलाने के लिये जगह कम पड़ गयी है।
जहां बन पड़ रहा है, बस अंतिम संस्कार की रस्में निभ रही हैं।
ये कैसा क्रूर मज़ाक़ है कि ज़िंदा तो छोड़िये ठीक से मरने भी नहीं पाये। pic.twitter.com/K6aZZLUWaJ